Monday, March 10, 2008

गांव से - मेरी फोटो प्रदर्शनी, सीरीज-2

घूंघट.......( धान की रोपाई करती गांव की महिलाएं कैमरा देखकर शरमा गईं)
मस्ती......

महुआ...(हम सबकी जड़ें ज्यादातर गांव से ही जुड़ी हैं)


एक लोटा पानी.....( खेत- खलियान में स्कूल से आने के बाद पानी ले जाती किसान की बिटिया)



सुकून......( मेरे बाग में आराम के लिए किसी किसान का बिछाया हुआ बिझौना)




बाजरा.......( ये फोटो मैंने तब क्लिक की है जब कई साल बाद अपने खेत पर गया था।)


नोट- घूंघट को छोड़कर सभी फोटो मैंने अपने मोबाइल फोन के कैमरे से क्लिक की हैं।


2 comments:

Yunus Khan said...

बढि़या जा रहे हो । सुंदर ।

अबरार अहमद said...

दिल खुश कर दिया। हमें अपनी जड भी नजर आई महुआ की जड में।