Friday, January 11, 2008

होठों को छूकर....


कुछ जली जिंदगी कुछ अधजली जिंदगी
दिख रही है इन टुकड़ो में
टुकड़ो टुकड़ो में बटी जिंदगी भी दिख रही है इन टुकड़ो में
धुएं की तरह जिंदगी के उड़ते गुबार भी दिख रहे हैं इन टुकड़ो में
जाने कितने लोगों ने मिल कर इन टुकड़ो को सजाया होगा
ऐश के लिए इस ऐश ट्रे में।
कितने होठों की मिठास भी जमी है इन टुकड़ो में
सच में इन टुकड़ो में वो टुकड़े भी शामिल हैं जो कई लड़कियों के होठों को छू कर पड़े हैं
जिसकी गवाह हैं मेरी आंखे और मेरे शब्द।

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