
कुछ तौर तरीके भी हैं बदनाम गली के
कुछ अपने सलीके भी है बदनाम गली के
तुम को उछालना है तो पत्थर उछाल दो
शीशे नही टूटेंगें बदनाम गली के।
हमको भी नजाकत की अदा खूब पता है
उनको भी अदावत की अदा खूब पता है
कुदरत की कायनात में दुश्मन भी, दोस्त भी
रिश्ते नहीं टूटेंगे बदनाम गली के।
उनकी बदनाम निगाहों में अदा खूब मिली है
हमको भी शराफत की सजा खूब मिली है
दामन में उनके अपनी सराफत है डाल दी
आंचल नही छूटेंगे बदनाम गली के।