Wednesday, July 9, 2008

बदनाम गली के...



कुछ तौर तरीके भी हैं बदनाम गली के
कुछ अपने सलीके भी है बदनाम गली के
तुम को उछालना है तो पत्थर उछाल दो
शीशे नही टूटेंगें बदनाम गली के।


हमको भी नजाकत की अदा खूब पता है
उनको भी अदावत की अदा खूब पता है
कुदरत की कायनात में दुश्मन भी, दोस्त भी
रिश्ते नहीं टूटेंगे बदनाम गली के।

उनकी बदनाम निगाहों में अदा खूब मिली है
हमको भी शराफत की सजा खूब मिली है
दामन में उनके अपनी सराफत है डाल दी
आंचल नही छूटेंगे बदनाम गली के।

Thursday, July 3, 2008

जिया जले.....

फोन पर बजती कई बार पूरी पूरी रिंग
फोन करने पर सुविज्ड ऑफ का संकेत
मोबाइल पर मैसेज का अनसेंड वाली खबर
जानकर, सुनकर, सचमुच.....
जिया जले.......।

रेस्टोंरेंट में एक कोने में
चेयर पर अकेले बैठे किसी का इंतजार
शहर वाले पार्क में पेड़ की छांव तले
बार बार कलाई पर बंधी घड़ी को देखना
महसूस कर, सचमुच..........
जिया जले.........।

परदेश से महीनों बाद पिया का घर आने का संदेश
साथ साथ कंगना, चूड़ी़, बिंदी पाने की खुशी
पिया के बांहो का प्यार का एहसास, सब खत्म
एक ही छड़ में, एक बैरी फोन कॉल में
पिया के न आने का संदेश सुनकर
गोरी का, सचमुच.......
जिया जले.......।