Monday, June 8, 2009

तालियां.......


दोनों हाथ से बजती तालियां उनका औजार है
उनका संगीत है
उनका वाद्ययंत्र हैं
उनकी पहिचान है
संबोधन है उनकी नपुंसकता का
जिसके दम पर वो चलाते हैं अपनी रोजी रोटी
पालते हैं अपने पापी पेट को
आज मुंबई की लोकल ट्रेन से गिरकर
एक किन्नर का, दाहिना हाथ कट गया
मैं उसे देखकर सोच रहा था
हाय... इसका अब क्या होगा।