वो एक चैनल की रिपोर्टर थी
वो मर गई,
रिपोर्टिंग करने दौरान वो एक दुर्घटना में मरी
लोगों ने उसे शहीद बना दिया।
वो लोग जो कल तक
उस महिला रिपोर्टर के बारे में अश्लील बातें करके थे
हलक में दारु डालने के बाद, उसकी निजी जिंदगी में झांकते थे।
आज उन्हीं लोगों को मैंने उस शहीद को श्रद्धांजली देते सुना है।
वो जिंदा थी तो लोगों की नजर में वो आवारा थी
मर गई तो उन्हीं लोगों की नजर में वो बेचारी थी।
उसके मरने की खबर आते ही रात को 9.30 बजे
उसके जानने वाले और उसके बारे में जानने वालों ने
बीवी का बिस्तर छोड़कर, लोगों को फोन पर बताया था
कि यार वो मर गई। फोन पर उसके मरने की बातें
हंसते हंसते बताई गई थी।
लोगों ने अपने सारे जरुरी काम छोड़कर
इस आकस्मिक दुर्घटना को तवज्जों दिया था।
लोगों ने ये भी कहा था, वो जैसी थी उसे वैसी ही मौत नसीब हुई
लेकिन वो जैसी भी थी, मेरी तरफ से उसको श्रद्धांजली।
मरने के बाद वैसे सभी लोग अच्छे हो जाते हैं।
2 comments:
Guru bahut karib se tumne use observe kiya tha blog padhne ke baad to kam se kam ye lag raha hai. Waise tumne kai baatien bilkul sahi likhi hai>
rajeshji ik sad satya kaha hai aapne. isse padhne ke baad jaroor un logon ki neend hawa ho gayi hogi. ya phir wo bagle jaank rahen honge.
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