जवाब की होड़ में एक दूसरे की बजाते रहो
एक दफ्तर है, अलग- अलग डेस्क हैं
एसाइनमेंट डेस्क,एडीटोरियल डेस्क,कापीराइटर डेस्क
सब की एक दूसरे से ठनी रहती हैं
कब किस पर कौन चढ़ बैठे
डायरेक्ट एक दूसरे का नाम लेकर कोई पंगा नही लेता
सब ने एक दूसरे का रोमांटिक नाम रख रखा है,
मुझे पता है लेकिन लिखूंगा नही, लोग नाराज हो जाते हैं।
कोने में बैठकर,फुरसत में सब एक दूसरे की
बजाते रहते हैं,बातों बातों में ही बजाते रहते हैं।
इस ऑफिस में इधर एक तब्दीली आई है
पहले इन लोगों की बॉस बजाते थे
अब ये आपस में एक दूसरे की बजाते रहते हैं।
एक प्रदेश है,
एक सरकार है,
सरकार चलाती हैं मायावती
मायावी मायावती,
जब जब उनकी सरकार आती है
वो भी अपने विपक्षियों की बजाती रहती है
शायद वो बजाने के लिए ही मुख्यमंत्री बनती हैं।
अब तो ब्लॉग पर बजाने वालों की कमी नही है
अब इनका परिवार ब्लॉग पर
बिना किसी परिवार नियोजन की व्यवस्था के बढ़ता जा रहा है।
सब एक दूसरे की बजाने पर तुले हैं
कुछ लोगों ने तो कुछ साहित्यकारों, कवियों, चिट्ठाकारों की
बजाने के लिए ही ब्लॉग बनाया है
और जब जब मौका मिला है, लोगों की बजाया है।
बजाते रहों.....RED FM 93.5
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