कुछ तौर तरीके भी हैं बदनाम गली के
कुछ अपने सलीके भी है बदनाम गली के
तुम को उछालना है तो पत्थर उछाल दो
शीशे नही टूटेंगें बदनाम गली के।
हमको भी नजाकत की अदा खूब पता है
उनको भी अदावत की अदा खूब पता है
कुदरत की कायनात में दुश्मन भी, दोस्त भी
रिश्ते नहीं टूटेंगे बदनाम गली के।
उनकी बदनाम निगाहों में अदा खूब मिली है
हमको भी शराफत की सजा खूब मिली है
दामन में उनके अपनी सराफत है डाल दी
आंचल नही छूटेंगे बदनाम गली के।
3 comments:
vakai bhut sundar. or sundar rachanao ke liye meri shubhakamnaye.
bahut khub gali ko darshaya hai sir jee........
अरे बुजुर्गदीन थोड़ा बदनाम गली, बदनाम औरत ...नाजायज बच्चों से ऊपर उठकर देखों... और भी लोग समाज में रहते हैं... जरा उन पर भी अपनी नजरें इनायत करो... ताकि उन मासूम मजलूमों का भी भला हो सके... जो आपके जद से बाहर हैं...
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