
जब आने लगे घर से गलियों में वो,
आना जाना भी अपना शुरू हो गया।
अब तलक सिर्फ तकते थे हम देखकर,
देखकर मुस्कुराना शुरू हो गया।।
वो हमें देखकर भाग जाते है क्यों ,
क्यों नही देखकर पास आते है वो
जब से एहसास होने लगा प्यार का,
घर से कोई बहाना शुरू हो गया।।
क्यो हमें देखकर भाग जाते है वो,
क्यों नही देख कर पास आते हैं वो
अब तलक सिर्फ सपनों में थे छेड़ते,
रात भर अब जगाना शुरू हो गया।।
वो कली थी अभी तक खिली थी नही
कोई भंवरे से अब तक मिली थी नही
शर्म उनका सरकने लगा इस तरह
अब दुपट्टा गिरना शुरू हो गया।।