सूरते हाल बताओ यारो,
क्या हुआ हमको दिखाओ यारों
वहां पे सिसकिया थीं रेला था
हमें भी कुछ तो सुनाओं यारों।
गुबार गम के, धुंआ आंसू से
जल रहे लोग, वहां सांसो से
सिमट के जिंदगी है सहमी सी
उसको एतबार दिलाओ यारों।
कराह, आह सब लिपट से गये
लाखों थे लोग सब सिमट से गये
सामने दरिया है, उफनता सा
कोई दो बूंद पिलाओं यारो।
घुटन की जिंदगी जिल्लत से भरी
अपने घर में ही इक मासूम डरी
शांति के गीत प्लीज बंद करो
अब तो बंदूक उठाओं यारों ।।
4 comments:
बहुत बढ़िया, भई, संवेदनशील
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चाँद, बादल, और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/
गुलाबी कोंपलें
http://www.vinayprajapati.co.cc
kafi dino baad theek kahte intezar ka fal meetha hota hai sahi hai kya???
bhaiya rajesh ji
bandook to uta lenge, rajesh bhai lekin dar to haath main padne wale chalo ka hai logon ko....
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