Monday, April 26, 2010

घरौंदा......



तमाम उम्र गुजारी तो घरौंदा था बना,
उम्र के साथ उसने, साथ मेरा छोड दिया ।
नोट- ये तस्वीर मैंने अपने गांव से उतारी है।

5 comments:

Udan Tashtari said...

तस्वीर अपनी दास्तान कह रही है.

honesty project democracy said...

आज के दुःख भरे जीवन, मानवीय सोच ,संवेदनाओं और संघर्ष से उपजे विचारों को एक तस्वीर के रूप में श्रेष्ठ प्रस्तुती के लिए धन्यवाद / आज नैतिकता और मानवता को बचाने के लिए एकजुट होने की जरूरत है /आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

कविता रावत said...

Aaj ke gaon kee bolti tasveer.... sach mein bahut dukh hota hai.. yah sab dekhkar.... sab bhaage chle aa rahe hai sahar ko.....
Ab Kya kahen..... Jab bhi gaon jaaten hain to es tarah ki tasveer dekh behad dukh hota hain ... man kachotta ha yah sab dekh...
Saarthak post ke liye dhanyavaad.

houshal said...

sabhi gaon ka yahi haal hai

Rajnish tripathi said...

वह तस्वीर को माध्यम बनाया और अपनी बात कह दिया...आप का ये अंदाज हमें अच्छा लगा
(कभी हमारे ब्लाग को पढ़े )
wwwkufraraja.blogspot.com