सूरते हाल बताओ यारो,
क्या हुआ हमको दिखाओ यारों
वहां पे सिसकिया थीं रेला था
हमें भी कुछ तो सुनाओं यारों।
गुबार गम के, धुंआ आंसू से
जल रहे लोग, वहां सांसो से
सिमट के जिंदगी है सहमी सी
उसको एतबार दिलाओ यारों।
कराह, आह सब लिपट से गये
लाखों थे लोग सब सिमट से गये
सामने दरिया है, उफनता सा
कोई दो बूंद पिलाओं यारो।
घुटन की जिंदगी जिल्लत से भरी
अपने घर में ही इक मासूम डरी
शांति के गीत प्लीज बंद करो
अब तो बंदूक उठाओं यारों ।।